8th Pay Commission: देशभर के करोड़ों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए आठवें वेतन आयोग को लेकर अहम जानकारी सामने आई है। लंबे समय से सैलरी बढ़ोतरी की उम्मीद लगाए बैठे लोगों को अभी और इंतजार करना पड़ सकता है क्योंकि आयोग का गठन अब तक औपचारिक रूप से नहीं हुआ है।
जनवरी 2025 को मिली थी मंजूरी, लेकिन गठन अब तक अधूरा
केंद्र सरकार ने 16 जनवरी 2025 को आठवें वेतन आयोग के गठन को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी थी, लेकिन अभी तक इसकी औपचारिक स्थापना नहीं हो पाई है। न तो आयोग का अध्यक्ष तय किया गया है और न ही इसके सदस्य चुने गए हैं। इतना ही नहीं, अब तक आयोग के टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) भी तय नहीं किए गए हैं, जिससे इसकी प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पा रही है।
अब 2026 से लागू होना मुश्किल, 2 साल तक और लग सकते हैं
अगर मौजूदा हालात पर गौर करें तो यह साफ है कि अब 1 जनवरी 2026 से वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होना लगभग असंभव हो गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस आयोग की रिपोर्ट 2027 या 2028 तक ही आ पाएगी और इसके लागू होने में कम से कम 6 से 8 महीने और लग सकते हैं।
पिछले वेतन आयोगों से क्या मिला संकेत?
छठवां और सातवां वेतन आयोग भी गठन से लेकर सिफारिश लागू करने तक औसतन 2 से 2.5 साल का समय ले चुका है।
छठे वेतन आयोग का गठन 5 अक्टूबर 2006 को हुआ था और रिपोर्ट 24 मार्च 2008 को दी गई थी। इसे 1 जनवरी 2006 से लागू किया गया था और अगस्त 2008 में स्वीकृति दी गई थी। रिपोर्ट आने में करीब 1.5 साल और लागू करने में 5 महीने लगे थे।
सातवां वेतन आयोग 28 फरवरी 2014 को बना था और रिपोर्ट 19 नवंबर 2015 को आई। इसे 1 जनवरी 2016 से लागू किया गया और जून 2016 में मंजूरी दी गई। यहां भी प्रक्रिया में लगभग दो साल का समय लगा था।
आठवां वेतन आयोग 2028 तक लागू हो सकता है
अगर आठवां वेतन आयोग 2025 के अंत या 2026 की शुरुआत में गठित होता है, तो रिपोर्ट 2027 तक आ सकती है और उसे लागू करने में और 6 से 8 महीने लग सकते हैं। ऐसे में नई सैलरी 2028 तक ही आ पाएगी, हालांकि सरकार चाहे तो इसे पिछली तारीख यानी 1 जनवरी 2026 से लागू करते हुए बकाया राशि दे सकती है।
क्या है मौजूदा स्थिति?
सरकार ने केवल 35 स्टाफ पदों के लिए डिप्यूटेशन सर्कुलर जारी किया है, लेकिन आयोग के अध्यक्ष, सदस्य या सचिव की अब तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। Terms of Reference को लेकर अभी भी चर्चा जारी है और जब तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं होती, तब तक वेतन आयोग की सिफारिशों पर काम शुरू नहीं हो पाएगा।
कर्मचारियों की प्रमुख मांगें क्या हैं?
सरकारी कर्मचारी संगठनों ने केंद्र सरकार को कई अहम सुझाव भेजे हैं, जिनमें यह मांगें प्रमुख हैं:
न्यूनतम वेतन तय करते समय 5 सदस्यीय परिवार के खर्च का ध्यान रखा जाए
सभी वेतन लेवल को मर्ज किया जाए
हर 5 साल में पेंशन की समीक्षा की जाए
12 साल बाद पूरी पेंशन फिर से बहाल की जाए
50% महंगाई भत्ता (DA) को बेसिक सैलरी में शामिल किया जाए
कितना बढ़ सकता है वेतन?
फिटमेंट फैक्टर के आधार पर वेतन में बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है। अगर यह 1.92 से बढ़ाकर 2.86 तक किया जाता है, तो न्यूनतम वेतन 18,000 से बढ़कर 51,000 रुपये तक हो सकता है। हालांकि, यह अभी केवल संभावित आंकड़ा है, जब तक सरकार आयोग का गठन नहीं करती, तब तक कुछ भी निश्चित नहीं है।
क्या कर्मचारियों को मिलेगा बकाया?
अगर सरकार आठवें वेतन आयोग की सिफारिशों को 1 जनवरी 2026 से लागू करती है, भले ही रिपोर्ट देर से आए, तो कर्मचारियों को बकाया वेतन दिया जा सकता है। यह फैसला पूरी तरह सरकार के ऊपर निर्भर करता है कि वह वेतन बढ़ोतरी को किस तारीख से प्रभावी बनाती है।