सरकार ने पेंशन नियमों में एक बड़ा बदलाव करते हुए उन विधवा महिलाओं को राहत दी है जो पुनर्विवाह कर लेती हैं। नए नियमों के अनुसार अब ऐसी महिलाएं अपने मृतक पति की परिवार पेंशन प्राप्त करने की हकदार बनी रहेंगी, बशर्ते उनकी आय उस पेंशन राशि से कम हो जो वे पहले से प्राप्त कर रही हैं। यह बदलाव महिलाओं को न केवल आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाएगा बल्कि समाज में उनकी स्थिति को भी मजबूत करेगा। लंबे समय से विधवा महिलाओं को पुनर्विवाह के बाद पेंशन से वंचित कर दिया जाता था, लेकिन अब यह बाधा हट चुकी है।
तलाकशुदा बेटियों के लिए भी बदले नियम
पेंशन नियमों में दूसरा बड़ा बदलाव उन बेटियों के लिए है जो तलाकशुदा हैं या तलाक की प्रक्रिया से गुजर रही हैं। पहले उन्हें परिवार पेंशन पाने के लिए तलाक के अंतिम अदालत आदेश का इंतजार करना पड़ता था, लेकिन अब सरकार ने यह नियम सरल कर दिया है। अब यदि तलाक की प्रक्रिया माता-पिता के जीवनकाल में शुरू हो गई है, तो ऐसी बेटियां बिना अंतिम निर्णय का इंतजार किए परिवार पेंशन के लिए पात्र होंगी। यह प्रावधान महिलाओं की सामाजिक सुरक्षा के लिहाज से अत्यंत महत्वपूर्ण है और उन्हें समय पर आर्थिक सहायता मिल सकेगी।
महिला पेंशनभोगी अपने बच्चों को बना सकेंगी परिवार पेंशन के लिए नामांकित
महिलाओं के हित में सरकार ने एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब वैवाहिक कलह, घरेलू हिंसा या दहेज से जुड़े मामलों में महिला पेंशनधारक अपने बच्चों को परिवार पेंशन के लिए नामांकित कर सकेंगी। इसका उद्देश्य ऐसी महिलाओं और उनके बच्चों की वित्तीय और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करना है, जो किसी भी प्रकार के पारिवारिक तनाव या अत्याचार का शिकार हो चुकी हैं। यह नियम महिलाओं को कानूनी रूप से अधिक अधिकार और संरक्षण देने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
डिजिटल पेंशन प्रणाली में तकनीकी सुधार, फेस ऑथेंटिकेशन से आसान हुआ जीवन प्रमाण
पेंशन प्रणाली को डिजिटल और आसान बनाने के लिए सरकार ने तकनीकी स्तर पर भी कई सुधार किए हैं। अब वरिष्ठ नागरिकों को हर साल जीवन प्रमाण पत्र देने के लिए कहीं जाने की जरूरत नहीं है। वे घर बैठे ही फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक के जरिए यह प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। नवंबर 2024 में 1.5 करोड़ से अधिक डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र जमा हुए थे, जिसमें से बड़ी संख्या में 80 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्ग शामिल थे। यह सुविधा खासतौर पर बुजुर्गों के लिए वरदान साबित हो रही है।
CGHS कार्ड अब रिटायरमेंट के समय ही मिलेगा, बैंकों से जोड़ा गया पेंशन पोर्टल
सेवानिवृत्त कर्मचारियों को अब CGHS स्वास्थ्य कार्ड रिटायरमेंट के समय ही उपलब्ध करा दिया जाएगा, जिससे उन्हें स्वास्थ्य सेवाओं के लिए किसी प्रकार की देरी का सामना न करना पड़े। साथ ही सरकार ने पेंशन वितरण के लिए बनाए गए भविष्य पोर्टल को देश के प्रमुख बैंकों जैसे एसबीआई, पीएनबी और केनरा बैंक से जोड़ दिया है। इससे पेंशन की राशि सही समय पर और सुरक्षित तरीके से पेंशनर्स के खातों में पहुंचाई जा सकेगी।
शिकायत निवारण प्रणाली में मिली बड़ी सफलता
पेंशन अदालतों के जरिए सरकार ने शिकायत निवारण व्यवस्था को और प्रभावी बना दिया है। फरवरी 2025 में हुई पेंशन अदालत की बैठक में 531 में से 490 मामलों का निपटारा मौके पर ही कर दिया गया। इसके अलावा CPGGRAMS जैसे पोर्टल पर भी लाखों शिकायतों का समाधान किया गया है। इस पूरी प्रक्रिया में रक्षा पेंशनर्स की शिकायतों को विशेष प्राथमिकता दी गई है।
सरकार की प्राथमिकता: वरिष्ठ नागरिकों को सम्मान और सुविधा देना
राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने स्पष्ट किया कि सरकार वरिष्ठ नागरिकों और पेंशनधारकों को ज्यादा से ज्यादा सुविधा और सम्मान देना चाहती है। उन्होंने कहा कि समय के अनुसार पुराने और जटिल नियमों को समाप्त कर नए, सरल और प्रभावी नियम लागू किए जाएंगे। सरकार की यह नीति पेंशनधारकों के लिए भरोसे और राहत का कारण बन रही है।
पेंशन सुधारों से महिलाओं और बुजुर्गों को मिला सम्मान और सुरक्षा
सरकार के इन पेंशन सुधारों से यह स्पष्ट हो गया है कि वह समाज के कमजोर वर्गों, विशेषकर महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों, के कल्याण के लिए गंभीर है। नए नियम न केवल उन्हें आर्थिक रूप से सुरक्षित बनाएंगे, बल्कि सामाजिक रूप से भी उन्हें सशक्त बनाएंगे। डिजिटल और पारदर्शी पेंशन प्रणाली ने प्रक्रिया को सरल और भरोसेमंद बना दिया है। आने वाले समय में ऐसे और भी बदलावों की उम्मीद की जा रही है जो पेंशनधारकों के जीवन को बेहतर बनाएंगे।